दोस्तों इस दुनियां में आज के समय में कहीं लोग झूठे और बदमाश मिल जायेंगे, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी भी परिस्थिति में कितनी भी मुश्किल में अपनी ईमानदारी नहीं छोड़ते हैं। इस लेख में, मैं आपको सच्ची inspirational story in hindi में बताने जा रहा हूं। यह एक ईमानदार बाप बेटे की कहानी है।
ईमानदार बाप बेटे की कहानी inspirational story in hindi
कुछ समय पहले मैं एक बस स्टैंड पर खड़ा था और बस आने का इंतजार कर रहा था, क्योंकि मेरा एक दोस्त वहां पर आने वाला था।
मैं मोबाइल पर busy था, अचानक मेरे सामने एक व्यक्ती और उसका छोटा यहीं 12,13, साल का लड़का मेरे सामने खड़े थे। मेने पूछा क्या चाहीए अंकल जी, वो बोले बेटा हमें खाना खिला दो, हम पूरे दिन से बुखे हैं।
मैने कहा अंकल जी आप चिन्ता ना कीजिए मैं आपको खाना खिला दूंगा, मैं तो फ्री बैठा था मेने अंकल से पूछ लिया आप दिन भर भूखे क्यों हों, क्या करते हो।
अंकल ने जवाब दीया बेटे हम दिहाड़ी मजदूर हैं, यही बस स्टैंड के पास में एक तरपाल की झोपड़ी बनाकर रहते हैं, इसकी मां और मैं दिन भर मेहनत करते हैं और खाना खा कर सो जाते हैं।
लेकिन इस समय इसकी मां सरकारी अस्पताल में भर्ती है। उसका इलाज चल रहा है, जिसके कारण मुझे अकेला मजदूरी पर जाना पड़ रहा है। मेने आज जितने भी पैसे कमाए हैं, उसकी दवाई ले लिया है, क्योंकि डॉक्टर ने बाहर से दवाई गोली लाने को कहा था। लेकिन हमारे पास खाने को पैसा नहीं है।
यह सब सुनकर मेरी आंखे नम सी हो गई, मेने अंकल जी से कहा आप चिन्ता ना कीजिए मैं आपको और आपके बच्चे को खाना खिला दूंगा।
मेने अंकल जी से कहा चलिए मेने होटल की तरफ इशारा करते हुआ कहा आपको खाना खिलाता हूं, तभी अंकल ने मुझे रोक दिया और कहा नहीं बेटे वहा ज्यादा रुपए लगते हैं। आप सरकार की तरफ से दस रूपए में एक व्यक्ति का खाना मिलता है, हम दोनों को वहा खिला दीजिए।
मैने कहा अंकल आप होटल में चलिए अच्छा खाना खा लीजिए, लेकिन उस व्यक्ति ने कहा नहीं बेटे हम हर रोज यहीं खाते हैं और आज वहा खा लेंगे जिससे क्या हो जाएगा। और वैसे भी आज हम अपने पैसे से खाना नहीं खा रहे हैं।
मेरी बहुत कोशिश करने के बाद भी वे व्यक्ति खाना खाने होटल में नहीं गए हैं, तब मेने 20 रूपए के दो टोकन लिए हैं और उनको खाना मिल गया है। दोनो नीचे जमीन पर बैठकर खाना खा रहे थे। और उनके चेहरे पर बहुत खुशी थी, मेने उनसे पूछा अंकल और खाना चाहिए क्या, वो बोले नहीं बेटा हमारा पेट भर गया है।
दोनो ने आराम से खाना खा लिया और वो व्यक्ति कहने लगा भगवान तेरा भला करें बेटा, तभी मैने कहा अंकल आप ये पांच सौ रुपए ले जाइए और अंटी के लिए खाना और दवाई ले लेना।
उस व्यक्ति ने पांच सौ रुपए लेने से मना कर दिया, ओर कहां बेटा इसकी मां ठीक होने वाली है डॉक्टर ने कल छूटी करने की बोला हैं, कल से हम दोनों मजदूरी पर जायेंगे, हम हमारे खाने के पैसे कमा लेंगे। आपने हमें खाना खिलाया इसके लिए भगवान आपका भला करें।
दोस्तों उस समय मेरी आंखों में आसूं आ रहे थे, इतनी मुसीबत होने के बावजूद भी वो व्यक्ति पैसे लेने को तैयार नहीं थे। इतनी ईमानदारी मेने आज तक कहीं नहीं देखी थी।
मेने बहुत कोशिश करने के बाद वो व्यक्ति पांच सो रूपए लेने के लिए तैयार हुआ हैं, मेने उसको पांच सौ रुपए दिया और कुछ फल दिए।
वो व्यक्ति बहुत खुश था और उसका छोटा बच्चा भी बहुत खुश था, और यकीन मानिए मैं उन दोनो से बहुत ज्यादा खुश था। मेरे जीवन में मेने ऐसी खुशी आज तक कभी महसूस नहीं की थी।
दोस्तों यह एक सच्ची घटना है, और ये घटना नवंबर 2020 की हैं, जब में पाटन से उज्जैन की और आ रहा था, और मेरा दोस्त कोटा से एग्जाम देकर आ रहा था हम दोनो जॉब इंटरव्यू के लिए उज्जैन आ रहे थे। उस दिन में बहुत खुश था और बहुत प्रसन्न भी था, ऐसी खुशी कभी नहीं हुई थी।
दोस्तों आप सभी से कहना चाहूंगा अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति दिखे जिसको वास्तव मे मदद की जरुरत है, उसकी मदद जरुर कीजिए। आपकों बहुत बड़ा सकून मिलेगा और आप जो देते हैं उसका दस गुना अधिक लौटकर आपके पास आता है।
आप सभी दोस्तो से कहना चाहूंगा अगर आपके पास भी ऐसी कोई inspirational story in hindi और सच्ची कहानी है तो आप हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। जिससे बाकि लोगो को भी संदेश मिले और जरूरतमंद लोगों की मदद मिल सकें।