bharat ko sone ki chidiya kisne kaha tha

भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था?

दोस्तों कुछ समय पहले तक भारतवर्ष को सोने की चिड़िया कहा जाता था, लेकिन वर्तमान समय में फिर से भारत को सोने की चिड़िया कहा जाने लगा।  हालांकि इसके कारण थोड़े अलग है लेकिन वर्तमान समय में लोग यह जानना चाहते हैं कि why was india called sone ki chidiya क्या भारत इतना अमीर बन चुका है कि भारत को सोने की चिड़िया कहा जाना चाहिए? यदि आप यह जानना चाहते हैं कि sone ki chidiya kis desh ko kaha jata hai तो आज के लेख में हमारे साथ अंत तक बने रहिएगा क्योंकि आज आपको बताएंगे कि bharat ko sone ki chidiya kyon kahate hain.

भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था? | Bharat ko sone ki chidiya kyon kaha jata hai?

भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने के पीछे कई कारण विहित है, जिसमें सबसे पहला कारण यह है कि प्राचीन समय से ही भारत में काफी धन-संपदा मौजूद थी, लेकिन आतताइयों ने और आक्रमणकारियों ने आधुनिक इतिहास में ही भारत में लूटमार और डकैती करना जारी रखा था, जिसके कारण भारत की धनसंपदा को विदेशों में ट्रांसफर किया गया।

सन 1600 के पास भी भारत की प्रति व्यक्ति आय तकरीबन $1300 से अधिक थी।  इतनी प्रति व्यक्ति आय अमेरिका, जापान, चीन, ब्रिटेन किसी की भी नहीं थी।

अंग्रेजों की लूटमार ऐसा देखा जाता है कि मुगलों और मुस्लिम आक्रांताओं के पश्चात यदि किसी विदेशी ने भारत को सर्वाधिक लूटा है तो उसका नाम ब्रिटिश आक्रांता थे, जिन्हें अंग्रेजों के नाम से जाना जाता था।  ब्रिटिश ने भारत को अपनी कॉलोनी बनाकर भारत में से तकरीबन तत्कालीन समय की $41 ट्रिलियन की डकैती भारत में की थी, और यह सारा धन ब्रिटेन ने अपने युद्ध के लिए अपने खर्चे के लिए ब्रिटेन में ट्रांसफर किया।

यह धन सोने के रूप में, इंधन के रूप में, मुद्रा के रूप में, सर्वाधिक था।  लेकिन इसके पश्चात भी भारत के निर्यात प्राचीन समय से ही सर्वाधिक रहे हैं।  भारत के कपास, चावल, गेहूं, मसाले, आलू, तिल का तेल, हीरा, नीलमणि, पशु उत्पाद, रेशम, शराब, धातु, ज्वेलरी, यह सब कुछ प्राचीन समय से ही भारत से निर्यात किए जाते थे।  जिसके कारण भारत में धन का अपार भंडार भरा हुआ था।  इसका एक उदाहरण वर्तमान समय के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में भी देखा जा सकता है।

ऐसा कहा जाता है कि पद्मनाभस्वामी मंदिर में वर्तमान समय के तकरीबन $1 ट्रिलियन से अधिक की कीमत के खजाने केवल 6 दरवाजे में भरे हुए हैं।  जबकि एक दरवाजा अभी भी खोलना बाकी है ऐसे ही सैकड़ों मंदिर प्राचीन समय से लूटे गए तथा टैक्स के माध्यम से और चोरी के द्वारा, डकैती के द्वारा, लूटमार के द्वारा अतिथियों ने और आतंकियों ने भारत में काफी लूटमार की थी।

विश्व का सबसे बड़ा व्यापारी भारत

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भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता है? | why was india called the golden bird

ऐसा देखा गया है कि 1000 वर्षों के मुगल और अन्य आक्रमणकारियों के शासन के बावजूद भी भारत की जीडीपी विश्व की जीडीपी में तकरीबन 25% का योगदान देती थी।  उस समय भारत पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था, जब अंग्रेज भारत को छोड़ कर गए थे तो भारत की अर्थव्यवस्था का विश्व अर्थव्यवस्था में योगदान मात्र 2 से 3% रह गया था।  लेकिन आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और अर्थशास्त्रियों का यह मानना है कि भारत आने वाले 20 से 30 सालों में $50 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने के अन्य कारण

भारत को सोने की चिड़िया कहने के पीछे का एक बड़ा कारण यह भी था कि भारत में मयूर सिंहासन था।  मयूर सिंहासन स्वर्ण और हीरे से जुड़ा हुआ एक ऐसा सिंहासन था जिसकी कीमत के बारे में बताते हुए लोग यह कहते थे कि यह सिंहासन को बनाने में जितना धन लगाया गया था उतने दिन में दो ताजमहल का निर्माण आसानी से किया जा सकता था।

17वीं शताब्दी में इसका निर्माण शुरू किया गया था तथा 1000 किलो सोने और बेशकीमती हीरो के उपयोग से इसे बनाया गया।  इसी सिंहासन पर कोहिनूर हीरा भी लगाया गया जो वर्तमान समय में इंग्लैंड के महारानी के ताज पर लगा हुआ था, जिनकी मृत्यु कुछ समय पहले ही हो गई।  इस सिंहासन की अनुमानित कीमत का अंदाजा लगाया जाए तो मयूर सिंहासन की कीमत 450 करोड रुपए अधिक थी।  इसी सिंहासन को नादिरशाह लूटकर ले गया था।

कोहिनूर हीरा कोहिनूर हीरे का वजन 21। 6 ग्राम है, और बाजार में इसकी कीमत $100,00,00,000 से भी अधिक आती जाती है।  ऐसा कहा जाता है कि यह हीरा सबसे पहले गोलकुंडा की खदान से प्राप्त किया गया था, और दक्षिण भारत के काकतीय राजवंश को इसका पहला अधिकार माना जाता है।  लेकिन आज के समय ब्रिटेन की महारानी के मुकुट पर यह सुशोभित था, और ब्रिटेन इस हीरे के बारे में जानते हुए भी यह भारत को वापस करने में दिलचस्पी नहीं दिखाता है।

महमूद गजनी की लूट

महमूद गजनी ने भारत के सोमनाथ मंदिर पर हमला किया था, और बताया जाता है कि महमूद गजनी ने सोमनाथ मंदिर पर कई बार हमले किए और तकरीबन एक बार में चार लाख सोने के सिक्कों की लूट की थी, और एक सिक्के का वजन कम से कम 120 ग्राम था।  इसके अलावा राजा जयपाल के लड़कों और राजा जयपाल को छोड़ने के लिए भी उसने 450000 के सिक्के लिए थे।  इसलिए हम यह कह सकते हैं किकेवल महमूद गजनी ने राजा जयपाल से $100,00,00,000 की लूट की थी।

राजा जयपाल जैसे बहुत सारे धनी राजा भारत में थे भारत के मंदिरों को भी सोने का भंडार कहा जाता था।  प्राचीन समय से ही हिंदू धर्म में चढ़ावे की व्यवस्था नहीं है, और लोग अपनी कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा मंदिरों में दान देते थे।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्तमान समय में लोगों के पास 22000 टन सोना पड़ा है, और इसमें से 3000 से 4000 टन सोना केवल भारत के मंदिरों में है, और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार भारत के केवल 13 मंदिरों में भारत के सभी अरबपतियों से ज्यादा पैसा मौजूद है।  इसलिए यह कहा जा सकता है कि भारत तो आज भी एक सोने की चिड़िया है।

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निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (bharat ko sone ki chidiya kisne kaha tha) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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