mahatma buddh ke updesh ka varnan karen

महात्मा बुद्ध के उपदेश का वर्णन करें

नमस्कार दोस्तो, अपने अपने जीवन के अंतर्गत महात्मा बुध के बारे में तो जरूर सुना होगा। जो भी व्यक्ति महात्मा बुध से संबंध रखता है, या फिर महात्मा बुद्ध के बारे में जानकारी रखता है, तो उसको महात्मा बुद्ध के उपदेश के बारे में तो जरूर पता होगा। दोस्तों आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको महात्मा बुध के उपदेश के बारे में जानकारी देने वाले हैं। यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा इसके बारे में जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने वाले हैं, कि महात्मा बुद्ध के दो उपदेशों को लिखिए | mahatma buddh ke updesh on ka varnan karen, इसके अलावा हम आपको इस विषय से जुड़ी हर एक जानकारी इस पोस्ट में देने वाले हैं।

महात्मा बुध के उपदेश क्या थे? (mahatma buddh ke updesh ka varnan karen)

mahatma buddh ke updesh ka varnan karen
बुद्ध के उपदेश इन हिंदी | mahatma buddh ke uddeshy ka varnan karen

दोस्तों महात्मा बुध का नाम इस दुनिया की प्रमुख महापुरुषों की सूची के अंतर्गत लिया जाता है, जिन्होंने इस दुनिया के अंतर्गत अमला एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। तथा उन्हीं के द्वारा लिखे गए उपदेश कि आज पूरी दुनिया भर के अंतर्गत चर्चा होती है। बहुत से लोगों को महात्मा बुद्ध के उपदेश के बारे में जानकारी नहीं होती है, तो हमने यहां पर आपको महात्मा बुद्ध के उपदेशों के बारे में जानकारी दी है, तथा अपने आपको बताया है, कि महात्मा बुद्ध के उपदेश क्या थे, इसके अलावा हमने यहां पर आपको महात्मा बुध के अष्टांगिक मार्ग के बारे में भी बताया है।

महात्मा बुद्ध के उपदेश

  1. जन्म, मृत्यु, रोग, इच्छा आदि सभी दुःख देते हैं.
  2. किसी प्रकार की इच्छा सभी दुःखों का कारण है.
  3. तृष्णाओं पर नियंत्रण करना चाहिए ताकि हम दुःख से बच सकें.
  4. सांसारिक दुःखों को दूर करने के आठ मार्ग हैं. इन्हें आष्टांगिक मार्ग या मध्यम मार्ग कहा गया है. मध्यम मार्ग को अपनाकर मनुष्य निर्वाण प्राप्त करने में सक्षम है.

महात्मा बुध के अष्टांगिक मार्ग

  1. सम्यक् (शुद्ध) दृष्टि – सत्य, असत्य, पाप-पुण्य आदि के भेड़ों को समझना
  2. सम्यक् संकल्प – इच्छा और हिंसा के विचारों का त्याग करना
  3. सम्यक् वाणी – सत्य और विनम्र वाणी बोलना
  4. सम्यक् कर्म – सदा सही और अच्छे कार्य करना
  5. सम्यक् आजीव – जीविका के उपार्जन हेतु सही तरीके से धन कमाना
  6. सम्यक् व्यायाम – बुरी भावनाओं से दूर रहना
  7. सम्यक् स्मृति – अच्छी बातों तथा अच्छे आचरण का प्रयोग करना
  8. सम्यक् समाधि – किसी विषय पर एकाग्रचित होकर विचार करना

महात्मा बुद्ध के उपदेश से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां

दोस्तों महात्मा बुध के द्वारा अपने उपदेश को बहुत ही सरल तथा सामान्य बोली के अंतर्गत दिया गया था। इन्होंने अपनी उपदेश को पाली भाषा के अंतर्गत दिया था। तो ऐसे में बहुत से परीक्षाओं के अंतर्गत यह सवाल पूछा जाता है, कि महात्मा बुद्ध के उपदेश की भाषा क्या थी, तथा महात्मा बुध के द्वारा किस भाषा में उपदेश दिए गए थे, तो ऐसे में आपको वहां पर अपना उत्तर पाली भाषा रखना है। बहुत से लोग संस्कृत या हिंदी भाषा का उत्तर दे देते हैं लेकिन आपका उत्तर गलत होने वाला है इसका सही उत्तर परिभाषा ही होने वाला है इसके पीछे का मुख्य कारण यह है, कि उस समय पाली भाषा काफी पॉपुलर थी, तथा एक ही सरल भाषा थी।

महात्मा बुध के द्वारा इन उपदेश के अंतर्गत मनुष्य के सभी प्रकार के दुखों के बारे में बताया है, इसके अलावा उन्होंने बताया है, कि आप किस तरह से इन दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं, महात्मा बुद्ध ने अपने उपदेशों को कोई चार भागों के अंतर्गत बांटा है, जिनके बारे में आपको जानकारी दे दी है।

निष्कर्ष

तो इस पोस्ट के अंतर्गत हमने आपको बताया कि महात्मा बुद्ध के उपदेश क्या थे, महात्मा बुद्ध के उपदेश का वर्णन करें | mahatma buddh ke jivan aur siddhanto ka varnan kijiye, इसके अलावा इस विषय से जुड़ी अन्य जानकारी अभी हमने आपके साथ शेयर की है। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी पसंद आई है, फिर तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ नया जानने को मिला है

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